चंडीगढ़, 11 अक्टूबर 2025 (विशेष संवाददाता): हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार की रहस्यमयी मौत ने नौकरशाही के गलियारों में भूचाल ला दिया है। सुसाइड नोट में नामजद 15 शीर्ष अधिकारियों पर जातीय प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगते ही मामला सियासी रंग ले चुका है। चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन परिवार की ओर से लगातार सवाल उठ रहे हैं—क्यों नहीं हो रही तुरंत गिरफ्तारी? क्यों है एफआईआर में खामियां? आज पोस्टमार्टम के साथ ही SIT की जांच शुरू हो जाएगी, जबकि आईएएस और एचसीएस अधिकारी ‘कलम डाउन’ की धमकी दे रहे हैं। क्या यह नौकरशाही का विद्रोह है या सिस्टम का काला अध्याय?

सुसाइड नोट का खुलासा: डीजीपी से लेकर मुख्य सचिव तक 15 नाम, जातिगत भेदभाव का दर्द
एडीजीपी पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को अपनी जान दी, लेकिन उनका सुसाइड नोट एक बम साबित हुआ। इसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पी.के. अग्रवाल, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा समेत 3 आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारियों के नाम हैं। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया, एडीजीपी संजय कुमार, अमिताभ ढिल्लों, माता रवि किरण, आईजी पंकज नैन और कुलविंदर सिंह जैसे बड़े नामों पर मानसिक प्रताड़ना और दबाव बनाने का आरोप है। परिवार का दावा है कि यह ‘जातीय हिंसा’ का शिकार था—दलित अधिकारी होने के कारण लगातार अपमान सहना पड़ा।
चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 156 (9 अक्टूबर) में आईपीएस की पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार ने शिकायत की। लेकिन एफआईआर में आरोपी कॉलम में सिर्फ ‘As Per Note’ लिखा है, सभी नाम नहीं। अमनीत ने एसएसपी चंडीगढ़ को पत्र लिखकर इसे ‘अधूरा’ बताया और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की सख्त धाराएं लगाने की मांग की। आज सुबह ही उन्होंने दूसरी एप्लीकेशन देकर सभी नाम दर्ज करने की गुजारिश की। परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए हामी भरी है—पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल बोर्ड से होगा, जो परिवार की मांग पर गठित किया गया। घटना के तीन दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ, क्योंकि बेटी अमेरिका से पहुंची है। शाम 4 बजे परिवार प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।
SIT का ऐलान: आईजी पुष्पेंद्र लीड करेंगे 6 सदस्यीय टीम, गिरफ्तारी का सस्पेंस

चंडीगढ़ पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 6 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी। लीड करेंगे आईजी पुष्पेंद्र, टीम में एसएसपी कंवरदीप, एसपी सिटी एम. प्रियंका, डीएसपी चरणजीत विर्क, गुरजीत कौर और इंस्पेक्टर जयवीर राणा शामिल। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट, कॉल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट की फॉरेंसिक जांच होगी। लेकिन हरियाणा आईएएस अफसर डी. सुरेश ने सवाल उठाया—FIR के बाद डीजीपी कपूर और एसपी बिजरनिया की गिरफ्तारी क्यों नहीं? ‘कानून तुरंत कार्रवाई मांगता है!’ उन्होंने कहा।
दिवंगत अधिकारी के सेक्टर-24 आवास पर अब 24×7 हरियाणा पुलिस का पहरा है—अमनीत की सुरक्षा मांग पर सिक्योरिटी बूथ लगाया गया। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव शुक्रवार को परिवार से मिले, शोक संवेदना व्यक्त की। लेकिन हरियाणा सिविल सर्विस एसोसिएशन ने सीएम नायब सिंह सैनी को चिट्ठी लिखी—सभी आरोपियों को तुरंत हटाओ, वरना धरना!
सियासी तूफान: प्रियंका गांधी से चिराग पासवान तक, ‘हत्या’ का आरोप, कलम डाउन की धमकी

मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। कांग्रेस ने इसे ‘सिस्टम फेल्योर’ करार दिया। पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हूडा की पार्टी से कुमारी शैलजा ने कहा, ‘कौन लेगा जिम्मेदारी? केवल दलित नहीं, 36 बिरादरियों को दुख!’ हरियाणा कांग्रेस एसटी-एससी प्रमुख मनोज बागड़ी ने इसे ‘हत्या’ बताया—’जांबाज अफसर को पत्र लिखने पर सजा मिली। सख्त कार्रवाई न हुई तो गवर्नर हाउस धरना देंगे!’ प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर देश को स्तब्ध बताया—’दलितों पर अत्याचार का सिलसिला भयावह, सरकार जवाब दे!’
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सीएम सैनी को पत्र लिखा—’निष्पक्ष जांच करो, दोषियों पर कार्रवाई!’ पंजाब AAP सांसद मालविंदर कंग ने भाजपा पर निशाना साधा—’काबिल अफसर को जान क्यों देनी पड़ी? भगवंत मान परिवार के साथ!’ सीएम सैनी ने गुरुवार को परिवार से मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस ऐलान नहीं।

सूत्र बताते हैं, हरियाणा के आईएएस-एचसीएस अधिकारी आज ‘वर्क सस्पेंड’ कर सकते हैं। ‘हम आहत हैं, यह हमला पूरे सिस्टम पर!’ एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। अमनीत का सीएम को लिखा भावुक पत्र वायरल हो रहा—’मेरा पति टूट गया था, आपकी सरकार ने न्याय क्यों नहीं दिया?’
क्या अगला कदम? पोस्टमार्टम रिपोर्ट और SIT की पहली रिपोर्ट पर टिकी सारी उम्मीदें
आज का दिन निर्णायक—पोस्टमार्टम से मौत के कारण साफ होंगे। अगर सुसाइड नोट की पुष्टि हुई, तो 15 अफसरों पर SC/ST एक्ट की धाराएं चढ़ेंगी। लेकिन परिवार का सवाल बरकरार—क्या यह न्याय होगा या सिर्फ कागजी कार्रवाई? पूरन कुमार का केस नौकरशाही में व्याप्त जातिवाद का आईना है। क्या हरियाणा सरकार टूटे परिवार को इंसाफ दे पाएगी, या यह मामला कोर्ट की चौखट तक लंबा खिंचेगा?
रिपोर्ट :सुरेंद्र कुमार
